निगाहें ढूंढ रही है, वहीं ख्वाब सुनहरे। जो कभी मिल बैठ, कर दे
आप जीवित रहने के, लिए क्या करते है , और आपके जीने का उद्देश्य क्या है , इन दोनों में बहुत फर्क है I Amitabh Bachchan